रोजाना मेल (न्यूज डेस्क): अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हरियाणा के ही 33 युवकों से एजेंटों ने 15 करोड़ रुपए लिए थे। उन्हें डंकी लगा कर भेजा गया और जैसे ही वह मैक्सिको का बॉर्डर पार करके अमेरिका पहुंचे तो उन्हें उसी समय गिरफ्तार कर लिया गया।
यह कहानी 33 युवकों की है जो हरियाणा के थे। आकाश, सुमित शुभम उन ही युवकों में शामिल है। इन्हें जालंधर के एजेंट रॉकी, प्रदीप राणा समेत तीन एजेंटों ने अमेरिका में नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया था। कइयों को तो अमेरिका पहुंचते सात माह तक लग गए। इन सभी से 40 लाख रुपए से ज्यादा की रकम प्रति युवक ली गई थी लेकिन अमेरिका पहुंचते ही वह अरेस्ट होते गए। सुमित की माने तो प्रदीप राणा से उससे 40 लाख रुपए में अमेरिका भेजने की डील की थी। आठ लाख उसे कैश दिया गया जबकि डेढ़ एकड़ जमीन एजेंट के नाम करके उसकी फीस चुकाई गई। वहीं इस मामले के बाद पंजाब हरिया और दिल्ली के एजेंटों खिलाफ पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। जालंधर समेत तीन एजेंटों पर केस दर्ज किया जा चुका है।
150 का ग्रुप डंकी को गया लेकिन सिर्फ 50 ही जिंदा पहुंच सके
पीड़ितों ने कहा कि उन्हें तीन से चार माह मुंबई, ब्राजील आदि देशों में रखा गया। फिर डोंकर उन्हें पनामा के जंगल में ले गए। उनके ग्रुप में 150 लोग थे। 50 डोंकर भी थी जिन्होंने उनके बैग फिंकवा दिए। ग्रुप में महिलाएं और बच्चे भी थे। बैग फेंकने से मना करने पर डोंकर कनपटी पर पिस्टल रख कर मारने की धमकी देते थे। पनामा के जंगलों में नहर भी पार करनी पड़ी। कई लोग डूबते बचे। नहर में पानी सिर से भी ऊंचा था। रास्ते में पेड़ों से सटी लाशें देखी, कई जमीन पर गिरी थी और कुछ मानव कंकाल भी थे। कभी कभी तो लाशों के बगल सोना पड़ता था। सात दिन में जंगल पार किया। तबतक ग्रुप में शामिल 100 लोगों की मौत हो चुकी थी। उन्हें जंगल में ही छोड़ दिया गया था। बाकी के 50 लोगों को फिर टैक्सी में ठूंसा गया। पांच लोगों की क्षमता वाली गाड़ी में 15 से 20 लोगों को ठूंस दिया था। पनामा मैक्सिको बॉर्डर पर डोंकरों ने आर्मी को पैसे दिए, उनकी सेटिंग थी। फिर वह बॉर्डर पार करके मैक्सिको बॉर्डर पर अमेरिका की 35 फीट ऊंची दीवार सीढ़ी के जरिए चढ़ाई लेकिन दीवार क्रॉस करते ही यूएस आर्मी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दीवार क्रॉस करते हुए एक साथी का पैर कंटीली तारों में फंस गया जिसकी टांग ही फट गई गई और खून से लथपथ होकर नीचे जा गिरा। पंजाब के 31 लोगों की कहानी भी इसी तरह की है। कोटली खेहरा गांव के एजेंट सतनाम सिंह को भी पुलिस ने नामजद किया है।






