रोजाना मेल (खन्ना): शंभू बॉर्डर पर जहर निगलने वाला किसान नहीं था। इस व्यक्ति पर निजी तौर पर सात लाख का कर्जा था जो किसान बन कर आंदोलन में गया था ताकि उसका कर्जा माफ हो सके।
रणजोध सिंह खन्ना के रतनहेड़ी गांव का रहना वाला है। वह प्रॉपर्टी का काम करता है। परजिनों के अनुसार उसके पास जो जमीन थी वह 31 साल पहले बेच चुका है। कई सालों से उस पर सात लाख का कर्जा है जिसे वह चुका नहीं पाया। इसी कर्जे को माफ करवाने के लिए वह किसान आंदोलन के चक्कर लगा रहा है। 57 साल के रणजोध के पास साढ़े 6 किले जमीन थी लेकिन बहन की शादी के जमीन बेच दी और फिर घर बनाने के लिए कर्जा लिया। वहीं कर्जा उससे उतारा नहीं जा रहा था। कमलदीप नाम के व्यक्ति ने भी कहा कि रणजोध ने उससे लिए पैसे नहीं लौटाए। उसका घर भी कर्ज के सहारे चल रहा है। कभी छोटा मोटा प्रापर्टी का काम बन जाए तो वह कुछ पैसे दे देता था।




