रोजाना मेल (न्यूज डेस्क): पढ़ाई के दबाव में 18 साल की युवती ने अपने सांसे तोड़ दी। फंदा लगा कर खुदकुशी करने वाली युवती ने सुसाइड नोट भी लिखा और जिस जिस ने वह नोट पढ़ा अपने आंसू नहीं रोक पाया।
मामला यूपी के गोरखपुर कभी। इंजीनियरिंग छात्रा अदिति मिश्रा ने जेईई की परीक्षा में फेल होने के बाद फंदा लगा कर सुसाइड कर लिया। अदिति गोरखपुर के कैंट इलाके में हॉस्टल में रह कर परीक्षा की तैयारी कर रही थी। सुसाइड से पहले अदिति ने अपने पिता आखिरी फोन करके मोबाइल रिचार्ज करने को कहा था। तब भी वह काफी उदास थी। हॉस्टल के कमरे में अदिति का शव पंखे से लटकता मिला तो पुलिस को बुलाया गया। अदिति के माता पिता भी मौके पर पहुंच गए।
सॉरी मम्मी पापा, मै यह नहीं कर पाई
रिजल्ट आने के अगले ही दिन अदिति ने सुसाइड कर लिया। उसके पास से सुसाइड नोट मिला। अदिति ने उसमें लिखा कि – सॉरी मम्मी पापा.. मै यह नहीं कर पाई। यह हमारे रिश्ते का अंत था। आप लोग अच्छे हैं, हमेशा मेरा स्पोर्ट किया। मुझसे हमेशा प्यार किया, लेकिन मेरा समय अब खत्म हो चुका है। ऐसा समझिए कि माता रानी ने मुझे बस 18 सालों के लिए ही भेजा था। इतने साल मेरे लिए स्वर्ग था, मुझे आप लोगो के रूप में भगवान जो मिल गए थे। आप लोग रोना मत, आपने मुझे बहुत प्यार दिया। मैं आपके सपने पूरे नहीं पाई… आप लोग छोटी (छोटी बहन) का ख्याल रखना। वह जरूर आपके सपने पूरे करेगी। आपकी प्यारी बेटी- अदिति।

अदिति की मौत ने शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के बढ़ते दबाव को फिर उजागर कर दिया। इस तरह की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि छात्रों को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूर बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए।




