रोजाना मेल (न्यूज डेस्क): बीजेपी सांसद मेघा कुलकर्णी ने संसद के बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन यानी वीरवार सुबह वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की। बिल को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके कारण संसद में लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
30 जनवरी को जेपीसी ने ड्राफ्ट रिपोर्ट लोक सभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपी थी। 16 सदस्यों ने बिल के पक्ष में वोट दिए थे जबकि 11 ने विरोध में डाले थे। यह रिपोर्ट 655 पन्नों की है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया है। कमेटी में शामिल सदस्यों ने भी इस पर आपत्ति जताई है।
यह है नए और पुराने वक्फ बिल में अंतर
* पुराना: सेक्शन 40 में रीजन टू बिलीव के तहत अगर वक्फ बोर्ड किसी प्रॉपर्टी पर दावा करता है तो उस जमीन पर दावा करने वाला सिर्फ ट्रिब्यूनल में ही अपील कर सकता है।
* नया: नए बिल के अनुसार जमीन पर दावा करने वाला ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।
* पुराना: वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला आखिरी माना जाता है। उसे चुनौती नहीं दी जा सकती।
* नया: अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
* पुराना: किसी जमीन पर मस्जिद हो या उसका उपयोग इस्लामिक उद्धेश्यों के लिए हो तो वो ऑटोमैटिक वक्फ की संपत्ति हो जाती है।
* नया: जब तक किसी ने वक्फ को दान में जमीन नहीं दी हो। उस पर भले ही मस्जिद बनी हो पर वह वक्फ की संपत्ति नहीं होगी।
* पुराना: वक्फ बोर्ड में महिला और बतौर सदस्य अन्य धर्म के लोगों की एंट्री नहीं होगी।
* नया: वक्फ बोर्ड में 2 महिलाओं और अन्य धर्म के 2 सदस्यों को एंट्री मिलेगी।




