रोजाना मेल (जालंधर): प्रधानमंत्री आवास योजना स्कीम में हुए घोटाले के मामले में पूर्व आजाद पार्षद ने स्कीम देने वाली मोदी सरकार द्वारा तय की गई शर्तों को भी नहीं माना। शर्त थी कि तीन मरले के मकान पर किसी को भी फंड नहीं दी जा सकता था लेकिन पंजाब केसरी की जांच में सामने आया कि पूर्व पार्षद ने उन लोगों को भी फंड दिया दिए जिनके घर 5 से 6 मरले तक बने हैं।
गोपाल नगर स्थित मकान नंबर एनएन 613 चार मरले का है जिस पर भी फंड जारी करवा दिया गया। जिस व्यक्ति को पूर्व पार्षद ने फंड दिलाए उसने मकान का कोई काम नहीं करवाया और सारे पैसे डकार लिए गए। मकान नंबर एनएन 540, गोपाल नगर भी कच्चा था जिसके फंड रीलिज होने के बाद भी पैसे मकान पर नहीं लगाए और वह भी डकार लिए गए। इसी तरह एनएम 72 करार खां के नाम पर भी फंड मिला लेकिन मकान मालिक ने वह मकान ही बेच डाला जो नियम के विपरीत हैं। एन.एन. 522 गोपाल नगर जिस पर टाईलें लगी हुई हैं उसे भी कच्चा मकान दिखा कर फंड दिला दिए गए जबकि उक्त मकान भी पांच मरले का है। इसी तरह एनएच 117 नीला महल 6 मरले का मकान है और पक्का है लेकिन उसके बावजूद उन्हें फंड दिला दिए गए। यह मात्र वह मकान है जिनके सबूत पुख्ता हैं। मकान नंबर एनएन 540 के मालिक की विजीलैंस में भी गवाही हो चुकी है जिसने विजीलैंस के सामने सच्चाई बया कर दी है। इन सभी को फंड दिलाने से पहले सैल्फ के चैक लिए गए थे और जैसे ही फंड ट्रांसफर हुए तो सैल्फ चैक से पैसे निकाल लिए जाते थे। उधर विजीलैंस इस मामले में लगातार इंवैस्टीगेशन कर रही है जिसका रिजल्ट जल्द ही सामने आने की संभावना है। खबर के साथ दिखाई देने वाली तस्वीरें उन मकानों की है जिन्होंने फंड लेकर मकान बनवाए नहीं और कुछ ऐसे मकान है जो पहले ही तैयार थे और टाइल तक लगी थी लेकिन उसके बावजूद कमीशन के चक्कर में उन मकानों को भी फंड दिला दिए गए।




